मरकुस 12:28-34
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
सबते बड़ा हुकुम
(मत्ती 22:34-40; लूका 10:25-28)
28 फिन एक ठु धरम सास्तरि आइ अउर ईसू ओनका चरिचा करत सुनेस। जबहिं उ सास्तरि देखेस कि ईसू ओनका कउने बढ़िया तरकीबे स जबाव दिहेस, उ ईसू स पूछेस, “कउन हुकुम सबते जिआदा बड़कई क अहइ?”
29 ईसू जबाव दिहेस, “सबते बड़कई क हुकुम इ अहइ: ‘ओ इस्राएली सुना, सिरिफ हमार पर्भू परमेस्सर एक ठु पर्भू अहइ। 30 तू आपन पूर मन स समुचइ जिन्नगी स, समुचइ बुद्धि स अउर आपन पूरी ताकत स तोहका आपन परमेस्सर पर्भू स पिरेम करइ चाही।’(A) 31 दूसर हुकुम इ अहइ ‘आपन पड़ोसी स वइसइ पिरेम करा जइसे तू आपन स करत ह।’(B) इ सब हुकुमन ते बड़ा अउर कउनो हुकुम नाहीं।”
32 एह पइ धरम सास्तरी ओसे कहेस, “गुरु तू नीक कह्या। तोहार इ कहब नीक अहइ कि परमेस्सर एक अहइ, ओकरे बजाय अउर दूसर कउनो नाहीं। 33 आपन पूरा मन स, समुचइ समझि-बुझि स, पूरी ताकत स परमेस्सर स पिरेम करब अउर आपन भाई आपन पड़ोसी स पिरेम करब सबइ बलि समर्पित भेंट अउर भेंटेन जेकरे बारे मँ कहा अहइ, ओसे जिआदा बड़कइ अहइ।”
34 जबहिं ईसू लखेस कि उ मनई समझि के जबाव देत बाटइ तउ ईसू मनई स कहेस, “तू परमेस्सर क राज्य स दूर नाहीं बाट्या।” ओकरे बाद कउनो दूसर मनई ओसे कउनो अउर सवाल पूछइ क हिम्मत नाहीं किहेस।
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