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24 तुम आँख के बदले आँख, दाँत के बदले दाँत, हाथ के बदले हाथ, पैर के बदले पैर लो।

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20 एक टूटी हड्डी के लिए एक टूटी हड्डी, एक आँख के लिए एक आँख, और एक दाँत के लिए दाँत। उसी प्रकार की चोट उस व्यक्ति को पहुँचानी चाहिए, जैसी उसने दूसरे को पहुँचाई है।

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21 “तुम उस पर दया—दृष्टि न करना जिसे बुराई के लिए तुम दण्ड देते हो। जीवन के लिये जीवन, आँख के लिये आँख, दाँत के लिये दाँत, हाथ के लिये हाथ और पैर के लिये पैर लिया जाना चाहिए।

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