अय्यूब 36
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
36 एलीहू बात जारी राखत भए कहेस।
2 “अय्यूब, मोरे संग तनिक देर अउर धीरा धरा।
मइँ तोहका देखाँउब कि परमेस्सर क पच्छ मँ अबहिं कहइ क अउर अहइ।
3 मइँ आपन गियान क सब स बाँटब।
मोका परमेस्सर रचेस ह।
मइँ जउन कछू भी जानत हउँ मइँ ओकर प्रयोग तोहका इ देखाँवइ बरे करब कि परमेस्सर निस्पच्छ अहइ।
4 अय्यूब, मइँ तोहका फुरइ कहत हउँ कि मइँ झूट नाहीं कहत हउँ।
मइँ जानत कि मइँ का बात करत हउँ।
5 “परमेस्सर महान अहइ मुला उ आम लोगन क तुच्छ नाहीं समुझत ह।
परमेस्सर बहोत सामर्थी बाटइ अउ विवेक स पूर्ण बाटइ।
6 परमेस्सर दुट्ठ लोगन क जिअइ नाहीं देइ
अउर परमेस्सर हमेसा गरीब लोगन क संग खरा बेउहार करत ह।
7 उ सबइ लोग जउन मुनासिब बेउहार करत हीं, परमेस्सर ओनकर धियान राखत ह।
उ राजा लोगन क संग ओनका सिंहासन देत ह अउर उ पचे सदा आदर पावत हीं।
8 मुला अगर लोग सजा पावत होइँ अउर अउर बेड़ियन मँ जकरि गवा होइँ।
अगर उ पचे पीरा भोगत रहत होइँ अउर संकटे मँ होइँ।
9 तउ परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे कउन सा बुरा करम किहेन ह।
परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे पाप किहेन ह अउर उ पचे अहंकारी रहेन।
10 परमेस्सर ओनका ओकर चिताउनी सुनइ क मजबूर करी।
उ ओनका पाप करइ स रोकइ खातिर आदेस देइ।
11 जदि लाग परमेस्सर क सुनिहीं अउर ओकर अनुसरण करिहीं
तउ परमेस्सर ओनका खुसहाल दिन आनन्दित बरिस देब्या।
12 मुला अगर उ पचे परमेस्सर क आग्या क नकारिहीं
तउ उ पचे बिना जाने ही मउत क दुनिया मँ चला जइहीं।
13 “अइसे लोग जेनका परमेस्सर क परवाह नाहीं अहइ उ पचे सदा कडुवाहट स भरा रहत हीं।
हिआँ तलक कि जब परमेस्सर ओनका सजा देत ह, उ पचे परमेस्सर स सहारा पावइ क विनती नाहीं करतेन।
14 अइसे लोग जवान होत ही मरि जइहीं।
उ पचे भ्रस्ट लोगन क संग सर्म स मरिहीं।
15 मुला परमेस्सर दुखिन लोगन क बचाब।
परमेस्सर लोगन क जगावइ बरे विपत्ति पठवत ह ताकि लोग ओकर सुनइँ।
16 “सचमुच मँ परमेस्सर तोहार दुख-मुसीबत मँ तोहार मदद करइ चाहत ह।
उ तोहार बोझन क दुर करइ चाहत ह जउन तोहका कुचरत ह।
उ तोहार मेजे पइ भरपूर खइया रखइ चाहत ह।
17 किन्तु तू दोख, निर्णय अउर निआव क बातन स भरा भवा अहा!
18 अय्यूब, तू आपन किरोध क परमेस्सर बरे संका क कारण जिन बना द्या।
मुक्ति क बड़ा मूल्य तोहका राह स दुर भटकावइ क कारण जिन बना दया।
19 तू इ जान ल्या कि न तउ जब तोहार समूचा धन
अउर न ही तोहार सक्ती तोहार मदद कइ सकत ह।
20 तू राति क अवाई क इच्छा जिन करा।
जब लोग आपन ठउरन स गाइब हो जात ह।
21 अय्यूब बुरा करम करइ स तू होसियार रहा।
तोह पइ मुसीबतन पठइ गइ अहइँ ताकि तू पापे क ग्रहण न करा।
22 “लखा, परमेस्सर क सक्ती ओेका महान बनावत ह।
परमेस्सर सबहिं स महानतम सिच्छक अबइ।
23 कउनो भी मनई परमेस्सर स नाहीं कह सकत ह कि का करब।
कउनो भी परमेस्सर स नाहीं कहिं सकत, ‘परमेस्सर तू बुरा किहा ह।’
24 परमेस्सर क कर्मन क बड़कइ करब तू जिन बिसरा।
लोग गीत गाइके परमेस्सर क सबइ काम क बड़कइ किहेन ह।
25 परमेस्सर क करम क हर कउनो मनई लखि सकत ह।
दूर देसन क लोग ओन कर्मन क लखि सकत हीं।
26 इ फुरइ अहइ कि परमेस्सर महान अहइ।
ओकरी महिमा क हम नाहीं समुझ सकित ह।
परमेस्सर क उमर क बरिसन क गनती क कउनो गन नाहीं सकत।
27 “परमेस्सर पानी क धरती स ऊपर उठावत ह
अउर ओका बर्खा अउ कुहरा क रुप मँ बदल देत ह।
28 परमेस्सर बादरन स लोगन पइ
भरपूर पानी बरसावत ह।
29 का कउनो मनइ इ ब्यान कइ सकत ह कि परमेस्सर कइसे बादरन क फैलावत ह,
या ओकर घर, आकास मँ बिजुरि क गरज क समझ सकत ह
30 लखा, परमेस्सर कइसे आपन बिजुरि क अकासे मँ चारिहुँ कइँती बिखेरत ह
अउर कइसे समुझदार क गहिरे हींसा क ढाँपि लेत ह।
31 परमेस्सर रास्ट्रन क नियंत्रण मँ रखइ
अउर ओनका भरपूर भोजन देइ बरे बादरन क उपयोग करत ह।
32 परमेस्सर आपन हाथे स बिजरी क पकरि लेत ह
अउर जहाँ, उ चाहत ह, हुआँ बिजुरि क गिरइ क हुकुम देत ह।
33 गर्जन लोगन क तूफाने क अवाइ क चिताउनी देत ह।
इ गर्जन दिखावत ह कि इ दुस्टता क खिलाफ किरोध मँ अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.