मारक 2:18-22
Saral Hindi Bible
उपवास के प्रश्न का हल
(मत्ति 9:14-17; लूकॉ 5:33-39)
18 योहन के शिष्य तथा फ़रीसी उपवास कर रहे थे. कुछ ने आ कर मसीह येशु से प्रश्न किया, “ऐसा क्यों है कि योहन तथा फ़रीसियों के शिष्य तो उपवास करते हैं किन्तु आपके शिष्य नहीं?”
19 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या कभी वर के रहते हुए उसके साथी उपवास करते हैं? जब तक वर उनके साथ है, वे उपवास कर ही नहीं सकते. 20 किन्तु वह समय आएगा, जब वर उनके मध्य से हटा लिया जाएगा, वे उस समय उपवास करेंगे.
21 “किसी पुराने वस्त्र पर नये वस्त्र का जोड़ नहीं लगाया जाता क्योंकि ऐसा करने पर नये वस्त्र का जोड़ सिकुड़ कर उस पुराने वस्त्र की पहले से अधिक दुर्दशा कर देता है. 22 कोई भी नये दाख़रस को पुरानी मश्कों में नहीं रखता अन्यथा ख़मीर हो कर दाख़रस मश्कों को फाड़ देती है. इससे दाख़रस भी नाश हो जाता है और मश्कें भी—नया दाख़रस नए मटके में ही डाला जाता है.”
Read full chapterNew Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.